परिवार और बुटीक दोनों की जिम्मेदारी निभा रहीं फैशन डिजायनर रेखा

 पिछले 13 वर्षों से अपना बुटिक चला रहीं वसुंधरा की फैशन डिजायनर रेखा घर और बाहर दोनों जगह की जिम्मेदारियां निभा रही हैं। अपना काम होते हुए इनका घर से निकलने और दोबारा घर लौटने का टाइम फिक्स है। ऐसे में परिवार की मदद से वह आज दोनों मोर्चे पर सफल हैं।
वसुंधरा निवासी रेखा अरोड़ा ने बताया कि जब उन्होंने काम शुरू किया था, तब बच्चे बहुत छोटे थे। आज उनकी एक बेटी 19 साल की है जबकि एक बेटी पीजी कर रही है। रेखा बताती हैं कि आमतौर पर लोगों की सोच होती है कि अपने काम में लोग घर के लिए आसानी से समय निकाल लेते हैं। जबकि हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। रेखा कहती हैं कि अपने काम में इंसान को ज्यादा समय देना होता है और फिर यहां कोई छुट्टी नहीं होती। कोई सीएल, ईएल और वेकेशन नहीं होती। ऐसे में परिवार की जिम्मेदारियां संभालने में अधिक मेहनत करने की जरूरत होती है।
वह कहती हैं कि हालांकि वर्किंग वूमेन के बच्चे समय से पहले समझदार हो जाते हैं। यही मेरे बच्चों के साथ भी हुआ है, काम बच्चों के सपोर्ट से ही सफल होता है। बच्चे जब छोटे थे तो उन्हें स्कूल पहुंचाकर, मैं अपने काम पर पहुंचती थी। फिर दोपहर में बच्चों को लेकर घर लौटती और उनके साथ लंच करती थी। यह सिलसिला आज भी चलता आ रहा है। रेखा कहती हैं कि फर्क सिर्फ इतना है कि पहले जब मैं लंच के बाद अपनी शॉप पर जाती थी तो बच्चों को मेड और रिश्तेदारों के भरोसे छोड़कर जाना होता है। उस दौरान पल-पल फोन पर बच्चों की खैरियत लेती रहती थी। अब बच्चे बड़े हो गए हैं तो वह खुद ही मैनेज कर लेते हैं। वह कहती हैं कि आज भी वह सुबह 10 बजे घर से निकल जाती हैं और लंच के टाइम में अपने बच्चों के साथ होती हैं। इसके बाद वह रात 8:30 बजे तक घर पहुंचती हैं और फिर किचन संभालती हैं। रेखा का कहना है कि किसी भी वर्किंग वूमेन के लिए परिवार, पति और बच्चे सभी का साथ बेहद जरूरी होता है, तभी काम और परिवार में सफलता मिलती है।